समय के शुरुआत का सूक्ष्मातिसूक्ष्म गणकांश - Jurney-Dreamland

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मंगलवार, 13 दिसंबर 2022

समय के शुरुआत का सूक्ष्मातिसूक्ष्म गणकांश

समय के शुरुआत का सूक्ष्मातिसूक्ष्म गणकांश

     
     लोग अक्सर अखबारों, टीवी चैनलों में तथा फेसबुक, वॉटसअप आदि सोशल मीडिया पर देशभक्ति, हिन्दू संस्कृति, भारतीयता अथवा कट्टरपंथी के नाम पर हर दिन अपना प्रचार-प्रसार करते रहते हैं।
       मगर सच में देखा जाये, तो भारतीय संस्कृति के बारे में ऐसी बहुत-सी बातें हैं जो इन लोगों को पता ही नहीं है। क्योंकि जो लोग केवल, केवल अपनी पब्लिसिटी में लगे रहते हैं उन लोगों को ऐसी आवश्यक जानकारी रखने का समय ही कहाँ मिलता है; इसलिए उन्हें ऐसी जानकारी रखना आवश्यक नहीं लगता है। देश की सनातन भाषा संस्कृत है तथा राष्ट्रीय भाषा हिन्दी है और ये भारतवर्ष के मानुष अपनी इन संस्कृत और हिन्दी भाषा को छोड़कर अंग्रेजी भाषा की पूंछ पकड़े घूमते फिर रहे हैं।
       प्रायः लोग समय की सूक्ष्म गणना अंग्रेजी टाईम के समय की "सैकण्ड" अथवा चंद लोग भारतीय समय के "पल" से शुरू करते हैं। सोशल मीडिया पर अपनी देशभक्ति का प्रचार प्रसार करने वाले लोगों को इतना ही ज्ञान है इससे ज्यादा नहीं। ये प्रसंग इसी विषय से सम्बंधित है।

समय गणना खण्ड - 1

      प्रायः लोग समय की सूक्ष्म गणना अंग्रेजी टाईम के  समय की "सैकण्ड" से, अथवा चंद लोग भारतीय समय के "पल" से शुरू करते हैं। मगर सैकण्ड और पल से भी बहुत सूक्ष्म अंशमान और भी होते हैं।
    समय का सूक्ष्मातिसूक्ष्म अर्थात् अत्यन्त लघु अंश है - परमाणु
१ परमाणु = समय का सूक्ष्मातिसूक्ष्म अंश
२ परमाणु = १ अणु
३ अणु     =  १ त्रसरेणु
३ त्रसरेणु पश्चात् त्रुटि
१ त्रुटि      = ३ त्रसरेणु को पार करने में सूर्य 
                  को लगने वाला समय
१०० त्रुटि       =  १ वेध,           ३ वेध  =   १ लव
३ लव            =  १ निमेष
३ निमेष         =  १ क्षण        =  1.6 सैकण्ड
५ क्षण           =  १ काष्ठा      =  8.0 सैकण्ड
१५ काष्ठा       =  १ लघु         =  2.0 मिनट
१५ लघु          =  १ नाड़िका   = 30  मिनट (आधा घण्टा)
६ नाड़िका      =  १ प्रहर        = 3 घण्टा
८ प्रहर           =  १ दिनरात (अहोरात्र)
१५ अहोरात्र    =   १ पक्ष (पखवाड़ा)
२ पक्ष            =   १ मास
६ मास           =   १ अयन
२ अयन          =   १ वर्ष
१० वर्ष           =   १ दशक
१० दशक        =   १ शताब्दी
१००० शताब्दी =   १ सहस्त्राब्दी।

      समय गणना के इसी क्रम में मानव दिवसकाल, देव दिवसकाल, युग-महायुग आदि अवधिकाल "अगले खण्ड" में सतत्...

      (यह प्रसंग यदि देश के नागरिकों के लिए लाभकारी सिद्ध होता है, तो टिप्पणी अवश्य करें । यही हमारा पारितोषिक है।)
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  ★ हरि ॐ तत्-सत् ।। जय श्रीकृष्ण ।। ★

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