रावण अरविन्द त्रिवेदी का शिव ताण्डव स्तोत्र
रामानन्द सागर के मेगा सीरियल "रामायण" के बारे में तो देश का बच्चा जनता है। क्योंकि रामायण को घर-घर में बच्चों से लेकर बूढ़ों तक ने देखा है और काफी सराहा भी है और अभी तक सराह भी रहे हैं। रामायण एक ऐसा मेगा धारावाहिक है जिसे कभी भी देखो मन नहीं ऊबेगा। क्योंकि इस धारावाहिक में काम करने वाले कलाकारों, चाहे नए हो या पुराने, उन सभी पर भगवान श्रीराम की विशेष कृपा बनी थी। जिससे सभी की भूमिका बेहद ही सराहनीय रही। इसके आलावा भी कुछ कलाकारों की और भी विशेषताएं थी। आज हम उन कलाकारों की उन्हीं विशेषताओं के बारे में बता रहे हैं।
पण्डित अरविन्द त्रिवेदी, रामायण के रावण। इन्होंने रामायण में अपनी रावण की भूमिका में ऐसी अनूठी छाप छोड़ दी थी कि लोगों के मन में रावण की शक्ल-सूरत की जो कल्पनाएं हुआ करती थी उस कल्पना को अपनी बेहतरीन भूमिका द्वारा अपने रूप में साकार कर दिया। आज जब भी किसी के मन में रावण की कल्पना होती है, तो उसके मन-मष्तिष्क में रामायण के रावण का चेहरा अंकित हो जाता है।
रामायण में अरविन्द त्रिवेदी ने शिव तांडव स्तोत्र भी अपनी स्वयं की आवाज में गाया है। जो इतनी दिलकस आवाज में व वीररस में गाया गया है कि इससे पहले या बाद में जितने भी बड़े-बड़े सिंगर्स ने गाए हैं वे सबके सब इनकी आवाज के सामने एकदम से फीके लगते हैं। मगर अफ़सोस की बात है कि रामायण में इस शिव तांडव स्तोत्र की सिर्फ कुछ झलकियां ही दिखाई है, पूरा नहीं दिया है।
मगर हम अरविन्द त्रिवेदी के उस शिव ताण्डव स्तोत्र पूरा लेकर आये हैं। तो देखिये रामायण के रावण अरविन्द त्रिवेदी द्वारा गाया गया पूरा शिव तांडव स्तोत्र-
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें